प्रेम
प्रेम इस पृथ्वी पर मौजूद सभी जीव,वस्तु अथवा चीज़ का स्वभाव और खुशियों का प्रतीक है,दरअसल अगर हम स्पष्ट रूप में देखें तो इंसान प्रेम वश ही जन्म लेता है और इस तरह से पूरे विश्व में प्रेम के सिवाय कुछ नहीं है ,प्रेम का निचला स्तर ही ईर्ष्या,द्वेष,दुश्मनी का भाव इत्यादि है,चाहे कोई...